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महाकाव्य - विकिपीडिया
संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य (एपिक) का प्रथम सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इस महाकाव्य(एपिक)सूत्रबद्ध के लक्षण का विस्तार किया है। आचार्य विश्वनाथ का लक्षण निरूपण इस परंपरा में अंतिम होने
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF
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6 भारतीय महाकाव्य, जिन्होंने सदियों बाद भी अपनी महत्ता नहीं खोई।
कहते हैं कालचक्र के अनुसार शब्दों का अर्थ और महत्त्व, दोनों बदल जाते हैं। पर यदि हम श्रीमद्भागवतगीता या महाभारत की बात करें, तो लगता है कि समय के बंधन को मात देते हुए यह रचनाएँ सर्वकालिक सत्य बन गयी हैं। जहाँ गीता के उपदेश आज भी बहुमूल्य और जीवन में उतार लेने लायक हैं, …
https://hi.oxforddictionaries.com/blog/2018/04/09/6-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%82/
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महाकाव्य के बारे में जाने. Know about Epic.
महाकाव्यों की ज्ञान की संग्रह:- आप यहाँ इस भाग से काव्यों और महाकाव्यों के बारे में सुचारू रूप से जानकारीयाँ प्राप्त कर सकते हैं, और इससे आप सिख ले , अमल करे
https://adarshc.com/hindi/epic/epic
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संस्कृत के साहित्य, काव्य, रचनाएं, रचनाकार / साहित्यकार
संस्कृत भाषा का साहित्य अनेक अमूल्य ग्रंथरत्नों का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी प्राचीन भाषा का नहीं है और न ही किसी अन्य भाषा की परम्परा अविच्छिन्न प्रवाह के रूप में इतने दीर्घ काल तक रहने पाई है।
https://www.mycoaching.in/2018/11/sanskrit-sahitya.html
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महाभारत - विकिपीडिया
महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। कभी कभी इसे केवल भारत कहा जाता है। यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4
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रामायण - विकिपीडिया
रामायण हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक[ख] हैं। इसे आदिकाव्य[1] तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि'[2] भी कहा जाता है।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A3
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भारतीय संस्कृति : विदेशो में रामायण और राम
मित्रो श्री राम जी की महानता के कारण उनकी प्रसिद्धि देश विदेश में हुई है बुद्ध का बोद्धो ने जितना प्रचार करा है अगर उतना श्री राम का होता ...
http://bharatiyasans.blogspot.com/2015/10/blog-post.html?m=0
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विभिन्न भाषाओं में रामायण - विकिपीडिया
भिन्न-भिन्न प्रकार से गिनने पर रामायण तीन सौ से लेकर एक हजार तक की संख्या में विविध रूपों में मिलती हैं। इनमें से संस्कृत में रचित वाल्मीकि रामायण (आर्ष रामायण) सबसे प्राचीन मानी जाती है।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE%E0%A4%93%E0%A4%82_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A3
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बृहतत्रयी (संस्कृत महाकाव्य) - विकिपीडिया
भामह और दंडी द्वारा परिभाषित महाकाव्य लक्षण की रूढ़ियों के अनुरूप निर्मित होने वाले मध्ययुग के अलंकरण प्रधान संस्कृत महाकाव्यों में ये तीनों कृतियाँ अत्यंत विख्यात और प्रतिष्ठाभाजन बनीं।
https://hi.wikipedia.org/wiki/बृहतत्रयी_(संस्कृत_महाकाव्य)
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बृहतत्रयी (संस्कृत महाकाव्य) - यूनियनपीडिया, अर्थ वेब विश्वकोश
बृहत्त्रयी के अंतर्गत तीन महाकाव्य आते हैं - "किरातार्जुनीय" "शिशुपालवध" और "नैषधीयचरित"। भामह और दंडी द्वारा परिभाषित महाकाव्य लक्षण की रूढ़ियों के अनुरूप निर्मित होने वाले मध्ययुग के अलंकरण प्रधान संस्कृत महाकाव्यों में ये तीनों कृतियाँ अत्यंत विख्यात और प्रतिष्ठाभाजन बनीं।
https://hi.unionpedia.org/बृहतत्रयी_(संस्कृत_महाकाव्य)
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महाकाव्यों का उद्भव और विकास
सन्ध्या शुक्ला लोकविश्रुत देववाणी संस्कृत विश्व की समस्त भाषाओं की शिरोमुकुट उदात्त एवम् उज्ज्वल विचारों की मनोरम मंजूषा, प्राचीन भारत के...
http://shriprbhu.blogspot.com/2013/01/blog-post_47.html
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महाकाव्य
राष्ट्रीय एकता प्रत्येक देश के लिए महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीय एकता की आधारशिला है सांस्कृतिक एकता और सांस्कृतिक एकता का सबसे प्रबल माध्यम साहित्य की परिधि के अन्तर्गत महाकाव्यों का विशेष महत्व है, जिनके वृहत् कलेवर में राष्ट्रीय एकता को प्रभावी रीति से प्रतिफल करने का पूर्ण अवसर
https://bharatdiscovery.org/india/महाकाव्य
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भारतीय महाकाव्य
भारत में संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में अनेक महाकाव्यों की रचना हुई है। भारत के महाकाव्यों में वाल्मीकि रामायण, व्यास द्वैपायन रचित महाभारत, तुलसीदासरचित रामचरितमानस, आदि ग्रन्थ परमुख हैं।
https://www.wikiwand.com/hi/भारतीय_महाकाव्य
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संस्कृत महाकाव्य
संस्कृत महाकाव्य
http://www.anantaajournal.com/archives/2018/vol4issue6/PartB/4-5-14-990.pdf
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महाकाव्य के बारे में जाने
महाकाव्यों की ज्ञान की संग्रह:- आप यहाँ इस भाग से काव्यों और महाकाव्यों के बारे में सुचारू रूप से जानकारीयाँ प्राप्त कर सकते हैं, और इससे आप सिख ले , अमल करे
https://www.adarshc.com/hindi/epic/epic
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महाकाव्य के सम्बन्ध में पश्चिमी मत
संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य (एपिक) का प्रथम सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इस महाकाव्य(एपिक)सूत्रबद्ध के लक्षण का विस्तार किया है।
https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/gs+junction-epaper-gsjun/mahakavy+ke+sambandh+me+pashchimi+mat-newsid-n148599962
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हिंदी के प्रमुख महाकाव्य
इस पोस्ट में आप हिंदी के प्रमुख महाकाव्यों- पृथ्वीराज रासो, पद्मावत, रामचरितमानस आदि, उनके लेखक, प्रकाशन वर्ष, सर्गों की संख्या तथा इन महाकाव्यों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्यों को पढ़ सकेंगे। इसके अलावा महाकाव्य की विशेषताओं को भी स्पस्ट करने का प्रयास किया गया है।
https://www.hindisarang.com/2019/05/hindi-ke-prmukh-mahakavya.html
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संस्कृत महाकाव्य
संस्कृत महाकाव्य
http://www.sanskrit.nic.in/ASSP/Mahakavya.htm
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‘‘ऐतिहासिक महाकाव्यों का संक्षिप्त परिचय’’
‘‘ऐतिहासिक महाकाव्यों का संक्षिप्त परिचय’’
https://sanskritsevasadan.blogspot.com/2019/09/blog-post_30.html
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संस्कृत काव्य की परम्परा
लौकिक काव्य की उत्पत्ति लौकिक संस्कृत साहित्य का आरंभ वाल्मीकि कृत रामायण से होता है। इसे आदि काव्य कहा गया है। क्रौंच वध की घटना से द...
https://sanskritbhasi.blogspot.com/2018/11/blog-post_28.html
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संस्कृत महाकाव्य
संस्कृत महाकाव्य
https://exambaaz.com/sanskrit-ke-pramukh-mahakavya/
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संस्कृत महाकाव्य का परिचय
संस्कृत महाकाव्य का परिचय
https://brainly.in/question/19117977
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किरातार्जुनीय महाकाव्य
।। श्री गणेशाय नमः ।। भारवि कृत किरातार्जुनीय महाकाव्य (पांचवें सर्ग तक) --------------- भूमिका --------------- किरातार्ज...
http://panini-sanskrit.blogspot.com/2019/09/blog-post.html