-
संगम काल - विकिपीडिया
संगमकाल दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास का एक कालखण्ड है।[1][2] यह कालखण्ड ईसापूर्व तीसरी शताब्दी से लेकर चौथी शताब्दी तक पसरा हुआ है। यह नाम 'संगम साहित्य' के नाम पर पड़ा है।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AE_%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2
-
संगम साहित्य - विकिपीडिया
यह तमिल भाषा के संगम साहित्य संबंधी लेख है। संगम के अन्य अर्थों के लिये यहां जाएं - संगम (बहुविकल्पी)संगम साहित्य तमिल भाषा में पांचवीं सदी ईसा पूर्व से दूसरी सदी के मध्य लिखा गया साहित्य है।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AE_%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF
-
संगम काल में समाज, धर्म एवं आर्थिक व्यवस्था
प्राचीन तमिल समाज का स्वरूप मूलत: जनजातीय था। परन्तु कृषि क्षेत्र धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा था। धीरे-धीरे पुरानी नातेदारी व्यवस्था टूट एवं वैदिक वर्ण व्यवस्था स्थापित हो रही थी, किन्तु संगम युग में स्पष्ट से वर्ण विभाजन देखने को नहीं मिलता है।
http://www.vivacepanorama.com/society-religion-and-economics-in-sangam-period/
-
दक्षिण भारत - विकिपीडिया
दक्षिण भारत पांच भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के साथ-साथ तीन केंद्र शासित प्रदेशों लक्षद्वीप, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह और पुडुचेरी का क्षेत्रफल है, जो भारत के 19% क्षेत्र (635,780 कि॰मी2 या 245,480 वर्ग मील) है I
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%A3_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4
-
प्राचीन दक्षिण भारत का इतिहास: साम्राज्यों, अर्थव्यवस्था, सामाजिक वर्ग और भाषा
प्रागैतिहासिक युग के पश्चात कई वस्तुओं से ऐतिहासिक युग का आरंभ होता है । ये हैं: फालवाले हल से खेती करने वाले ग्रामीण समुदायों का बड़े पैमाने पर बसना, राजतंत्र का गठन, सामाजिक वर्गों का पनपना, धातु के सिक्के का प्रयोग, लेखन-कला का प्रचलन, लिखित साहित्य का आरंभ ।
http://www.hindilibraryindia.com/indian-history/south-india/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%A6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%A3-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%87%E0%A4%A4/1
-
दक्षिण भारत के दो प्रमुख राजवंश। पल्लव वंश और राष्ट्रकूट वंश। - कमलज्ञानकोष
पल्लव वंश दक्षिण भारत का एक राजवंश था जिसने तमिल और तेलुगु क्षेत्र पर शासन किया। इस वंश की स्थापना सिंह विष्णु ने की थी। पल्लव काल को हिंदू धर्म की उन्नति का काल भी कहा जाता हैैं I
https://kamalgyankosh.blogspot.com/2018/08/blog-post_18.html
-
प्राचीन भारत: संगम युग का राजनीतिक इतिहास। | IAS Planner
प्राचीन दक्षिण भारत में आयोजित तीन संगम थे, जिन्हें लोकप्रिय रूप से Muchchangam कहा जाता था। इन संगमों का विकास मदुराई के पांड्या राजाओं के शाही संरक्षण के तहत हुआ।संगम युग के दौरान प्रमुख तीन राजवंशों ने शासन किया जिनमें चेर, चोल और पाण्ड्य राजवंश थे।
http://www.iasplanner.com/civilservices/hindi/political-history-of-sangam-age
-
दक्षिण भारत का इतिहास -RajasthanGyan
जानिये दक्षिण भारत का इतिहास के बारे में।
https://www.rajasthangyan.com/india?nid=25
-
संगम काल का इतिहास - Open Naukri
संगम काल दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास का स्वर्णिम काल के रूप में जाना जाता है। तमिल साहित्य में संगम काल को स्वर्णिम काल क्यों कहा जाता है, आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं I
https://www.opennaukri.com/sangam-age-origin-history-and-rulers/
-
'संगम साहित्य' इतिहास में इतनी प्रसिद्धि क्यों नहीं प्राप्त कर पाया जैसे कि वेदों और पुराणों को प्राप्त हैं? - Quora
संगम साहित्य के शिल्लप्डिकरम और मणिमेखलइ अभी भी काफी प्रसिद्ध हैंं | अभी भी दक्षिण भारत में इन दोनों रचनाओं का प्रभाव दिखता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इन रचनाओं की नाट्य प्रस्तुति होती है |
https://hi.quora.com/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AE-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82
-
संगम युग
दक्षिण भारत (कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदी के दक्षिण में स्थित क्षेत्र) में लगभग तीन सौ ईसा पूर्व से तीन सौ ईस्वी के बीच की अवधि को संगम काल के नाम से जाना जाता है।
https://www.drishtiias.com/hindi/to-the-points/paper1/sangam-age-1
-
संगम काल का इतिहास - सुगम ज्ञान
संगम काल का इतिहास - संगम युग के राज्य चोल, चेर, पाण्ड्य और संगम युग के शासक एलारा, करिकाल, उदियन जेरल, नेंदुजीरल आदान, शेनगुट्टवन (लाल चेर), सैईयै...
https://sugamgyan.com/sangam-period-history/
-
संगम युग
सुदूर दक्षिण भारत में कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदियों के बीच के क्षेत्र को 'तमिल प्रदेश' कहा जाता था। इस प्रदेश में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का अस्तित्व था, जिनमें चेर, चोल और पांड्य प्रमुख थे। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में तमिल कवियों द्वारा सभाओं तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था।
https://bharatdiscovery.org/india/संगम_युग
-
संगम काल
संगम काल
https://pscexpert.com/संगम-काल/
-
संगम काल
संगम काल(SANGAM PERIOD)- Sangam Period , History of Sangam age, Sangam age society and culture,History of india, Ancient history of india,
https://samanyagyanedu.in/संगम-कालsangam-period/
-
संगम काल राजा और राजवंश
संगम काल में दक्षिण भारत पर तीन राजवंशों ने शासन किया- चेर, चोल तथा पाण्ड्य राजवंशपाण्ड्य। संगम काल के साहित्य से इन राज्यों के बारे में जानकारी मिलती है। चेर चेरों ने उस क्षेत्र पर शासन किया जो वर्तमान समय में केरल के मध्य और उत्तरी भाग तथा तमिलनाडु का कोंगु क्षेत्र है।
https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/gs+junction-epaper-gsjun/sangam+kal+raja+aur+rajavansh-newsid-n210138770
-
संगम काल
संगम काल
http://www.vivacepanorama.com/sangam-period/
-
संगम काल की संस्कृति
संगमकाल दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास का एक कालखण्ड है। यह कालखण्ड ईसापूर्व तीसरी शताब्दी से लेकर चौथी शताब्दी तक फैला हुआ है। यह नाम 'संगम साहित्य' के नाम पर पड़ा है।
https://www.indiaolddays.com/संगम-काल-की-संस्कृति/
-
संगम काल की शासन व्यवस्था क्या थी
अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण लेख-
https://www.indiaolddays.com/sangam-period/
-
संगम काल: साहित्य, प्रशासन और आर्थिक स्थिति
संगम काल: साहित्य, प्रशासन और आर्थिक स्थिति
https://www.historydiscussion.net/inhindi/history-of-india/sangam-period-literature-administration-and-economic-condition-during-sangam-period/739
-
संगम युग
संगम युग
http://historicalsaga.com/संगम-युग/
-
संगम काल : प्राचीन भारत का इतिहास
संगम काल संगम से अभिप्राय तमिल कवियों के संगम या सम्मलेन से है जो संभवतः किन्हीं प्रमुखों या राजाओं के संरक्षण में ही आयोजित होता था। आठवीं सदी ई. में तीन संगमों का वर्णन मिलता है। पाण्ड्य राजाओं द्वारा इन संगमों को शाही संरक्षण प्रदान किया गया। माना जाता है कि प्रथम संगम मदुरै में…
https://gscentral.wordpress.com/2020/04/25/संगम-काल-प्राचीन-भारत-का-इ/