दिल्ली सल्तनत, मध्यकालीन भारत, प्राचीन भारत के विषय में सम्पूर्ण जानकारी; प्राचीन व मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्त्रोत। भारत के इतिहास के विषय में पूरी जानकारी। भारत के सम्पूर्ण तथ्य।
दिल्ली सल्तनत – ( 1206 से 1526 ई. तक ) 1206 से 1526 ई. तक भारत पर शासन करने वाले पाँच वंश के सुल्तानों के शासनकाल को दिल्ली सल्तनत , सल्तनत-ए-हिन्द/सल्तनत-ए-दिल्ली कहा जाता है। अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण …
आजकल आप देख रहे होंगे की इतिहास से सम्बंधित बहुत से प्रश्न सरकारी परीक्षाओं में पूछे जाते है, इसलिए इन परीक्षाओं में प्रश्नो को आसानी से हल करने के लिए इतिहास के तथ्यों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है।
महाभारत काल से दिल्ली में राजनीतिक अस्थिरता और उथल-पुथल देखने को मिलती रही है. कभी इसका नाम इंद्रप्रस्थ हुआ करता था… शायद तभी से दिल्ली राजनीतिक सत्ता का केंद्र रही है.
गुलाम वंश (उर्दू: سلسله غلامان) मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। इस वंश का पहला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद नियुक्त किया था। इस वंश ने दिल्ली की सत्ता पर 1206-1290 ईस्वी तक राज किया।
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दिल्ली सल्तनत के दौरान व्यापार में काफी वृद्धि हुई थी. इस समय मुद्रा प्रणाली लागू थी. मुद्रा के रूप में चांदी का टंका प्रचालन में था. सड़कें भी अच्छी स्थिति में थीं जोकि बंगाल के सोनारगाव को दिल्ली, लाहौर, से जोड़ती थीं. संचार प्रणाली भी प्रमुख रूप में मौजूद थी
दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ई. में की गई। इस्लाम की स्थापना के परिणामस्वरूप अरब और मध्य एशिया में हुए धार्मिक और राजनीतिक परिवर्तनों ने जिस प्रसारवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया, दिल्ली सल्तनत की स्थापना उसी का परिणाम थी। बाद के काल में मंगोलों के आक्रमण से इस्लामी जगत् भयभ
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गुलाम वंश (उर्दू: سلسله غلامان) मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। इस वंश का पहला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद नियुक्त किया था। इस वंश ने दिल्ली की सत्ता पर 1206-1290 ईस्वी तक राज किया।
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दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ई. में की गई। इस्लाम की स्थापना के परिणामस्वरूप अरब और मध्य एशिया में हुए धार्मिक और राजनीतिक परिवर्तनों ने जिस प्रसारवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया, दिल्ली सल्तनत की स्थापना उसी का परिणाम थी। बाद के काल में मंगोलों के आक्रमण से इस्लामी जगत् भयभ