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आध्यात्मिकता - विकिपीडिया
आध्यात्मिकता, मूर्तिपूजा शब्द के समान ही कई अलग मान्यताओं और पद्धतियों के लिए प्रयुक्त शब्द है, यद्यपि यह उन लोगों के साथ विश्वासों को साझा नहीं करती है जो मूर्तिपूजक हैं अथवा अनिवार्यतः आत्मा के अस्तित्व में विश्वास या अविश्वास से निर्मित नहीं है।
https://hi.wikipedia.org/wiki/आध्यात्मिकता#:~:text=आध्यात्मिकता
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कैसे जानूं कि मैं आध्यात्मिक हूं? | ड्रूपल
जब भी आध्यात्मिकता की बात आती है, हर किसी के मन में कुछ अलग सा खयाल आने लगता है- कोई इसे जीवन से पलायन तो किसी इसे बुढ़ापे का कर्म समझने लगता है। लेकिन आध्यात्मिकता आखिर है क्या. . . आइए जानते हैं सद्गुरु से -
https://isha.sadhguru.org/in/hi/wisdom/article/kaise-jaanoon-ki-main-aadhyatmik-hoon
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क्या है आध्यात्मिकता
लोग आध्यात्मिकता को जीवन-विरोधी या जीवन से पलायन मानते है। लोगों में भ्रामक धारणा है कि आध्यात्मिक जीवन में आनंद लेना वर्जित है और कष्ट झेलना जरूरी है। जबकि सच्चाई यह है कि आध्यात
https://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-what-is-spirituality-12460222.html
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आध्यात्मिकता क्या है? - आध्यात्मिकता क्या है
आध्यात्मिकता, मूर्तिपूजा शब्द के समान ही कई अलग मान्यताओं और पद्धतियों के लिए प्रयुक्त शब्द है, यद्यपि यह उन लोगों के साथ विश्वासों को साझा नहीं करती है जो मूर्तिपूजक हैं अथवा अनिवार्यतः आत्मा के अस्तित्व में विश्वास या अविश्वास से निर्मित नहीं है। आध्यात्मिकता की एक सामान्य परिभाषा यह हो सकती है कि यह ईश्वरीय उद्दीपन की अनुभूति प्राप्त करने का एक दृष्टिकोण है, जो धर्म से अलग है। आध्यात्मिकता को, ऐसी परिस्थितियों में अक्सर धर्म की अवधारणा के विरोध में...
https://hindi.speakingtree.in/blog/आध्यात्मिकता-क्या-है
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आध्यात्मिकता और आंतरिक संतुलन
आध्यात्मिकता और आंतरिक संतुलन
https://hindi.astroyogi.com/article/aadytmikta-aur-aantrik-santulan.aspx
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आध्यात्मिकता की वास्तविकता।
(श्री सत्यभक्त जी सम्पादक, ‘सतयुग‘)
संसार में दो प्रकार के मनुष्य पाये जाते हैं। एक वे जो साँसारिक सुख की लालसा रखते हैं और दूसरे वे जो पारलौकिक कल्याण को अधिक महत्व देते हैं। अथवा यों कहिये कि एक स्वार्थवादी होते हैं और दूसरे परमार्थवादी। आजकल की परिभाषा में यह भी कह सकते हैं कि एक शरीर को ही सब कुछ समझते हैं और दूसरे आत्मा को दृष्टिगोचर रख कर आचरण करते हैं।
हमारे भारतवर्ष के अधिकाँश लोगों का यह ख्याल है कि हम लोग संसार के सब देश वालों की अपेक्षा अधिक आध्यात्मिक हैं। हमारी निगाह में यूरोपियन, अमरीकन आदि तो घोर भौतिकवादी हैं, स्वार्थ पराण हैं, नास्तिक हैं। मुसलमानों और यहूदियों आदि को भी हम आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत नीचे दर्जे पर समझते हैं। चीनी, जापानी, रूसी आदि के विषय में हमको विशेष ज्ञान नहीं, पर यह बात हम छाती ठोक कर कह देते है कि आध्यात्मिकता के मामले में वे हमारे मुकाबले में जरा भी नहीं टिक सकते।
अगर आध्यात्मिकता का अर्थ, ईश्वर, परमात्मा परब्रह्म की चर्चा करना, भाग्य और कर्म के सिद्धांतों का निरूपण करना, पाप-पुण्य, सत्य-असत्य, हिंसा-अहिंसा आदि की मीमाँसा करना, स्नान, ध्यान, देवदर्शन, तीर्थयात्रा में अनुराग रखना, चौका-चूल्हा, शुद्धि-अशौच आदि के नियमों का पालन करना आदि बातों से ही तो हमको इस बात के मान लेने से इन्कार नहीं कि हमारे भाइयों का दावा पूर्णतः नहीं तो अनेकाँश में ठीक माना जा सकता है।
पर हमको कुछ संकोच पूर्वक कहना पड़ता है कि आध्यात्मिकता का एक दूसरा पहलू भी है। हमारी सम्पति से आध्यात्मिकता केवल अध्ययन, मनन, तथा निरूपण की चीज नहीं वरन् कार्य रूप में पालन करने की चीज है। जिस प्रकार बड़े से बड़े स्वास्थ्य संबन्धी ग्रन्थ को पढ़ कर और कण्ठस्थ करके भी हम जब तक अपना आहार विहार न सुधारें, नियमित रूप से कोई
http://literature.awgp.org/akhandjyoti/1951/February/v2.16
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आध्यात्मिकता बनाम धर्म : जानिये दोनों में क्या अंतर है?
आध्यात्मिकता बनाम धर्म : जानिये दोनों में क्या अंतर है?
https://www.religionworld.in/spirituality-religion-what-the-difference/
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यह है भौतिकता और आध्यात्मिकता में मू ..
रमेशभाई ओझा लोगों के मन में प्राय: एक सवाल उठता है कि आध्यात्मिकता और भौतिकता में क्या फर्क है? मेरा मानना है कि एक व्यक्ति है, दूसरी वस्तु। लेकिन वस्तु व्यक्ति के लिए है न कि व्यक्ति वस्तु के लिए। व्यक्ति अगर व्यक्ति से प्रेम करना और वस्तु का उपयोग करना सीख ले तो समाज […]
https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/spirituality/religious-discourse/difference-between-spirituality-and-materialism-21409/
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आध्यात्मिकता का अर्थ है पूर्णता - आध्यात्मिकता का अर्थ है पूर्णता
व्यक्ति का जीवन प्रति पल एक नए वातावरण को जन्म देता है। उसमें नई—नई स्थितियां उत्पन्न होती आध्यात्मिकता का अर्थ है पूर्णता, Discourse Hindi News - Hindustan
https://www.livehindustan.com/news//article1-story-396024.html
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आध्यात्मिकता - यूनियनपीडिया, अर्थ वेब विश्वकोश
हेलिक्स नेब्युला, कभी-कभी इसे "भगवान की आंख" कहा जाता है आध्यात्मिकता, मूर्तिपूजा शब्द के समान ही कई अलग मान्यताओं और पद्धतियों के लिए प्रयुक्त शब्द है,
https://hi.unionpedia.org/आध्यात्मिकता
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विज्ञान और आध्यात्मिकता: अवधारणा एवं महत्त्व
विज्ञान और आध्यात्मिकता: अवधारणा एवं महत्त्व
https://www.researchgate.net/publication/339380033_vijnana_aura_adhyatmikata_avadharana_evam_mahattva
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आध्यात्मिकता बनाम धर्म | प्राणिक हीलिंग दुनिया
आध्यात्मिकता v/s धर्म
https://www.worldpranichealing.com/hi/spirituality/spirituality-vs-religion/
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आध्यात्मिकता की भगीरथी ठहर गयी
ब्रह्माकुमारी दादी जानकी का निधन-ः ललित गर्ग:-संसार के प्रतिष्ठित आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका, आध्यात्मिक गुरु और स्वच्छ भारत
https://www.pravakta.com/the-spirit-of-spirituality-stopped/
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आध्यात्मिकता व्यक्तित्व के विकास की कुंजी है - आत्मानुभवी महाराज
आध्यात्मिकता व्यक्तित्व के विकास की कुंजी है - आत्मानुभवी महाराज
https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/saharanpur/155855007915-saharanpur-news74
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आध्यात्मिकता
आध्यात्मिकता
https://hi.innerself.com/content/personal/spirituality-mindfulness.html
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आध्यात्मिकता की आवश्यकता - अध्यात्म सागर
जब कभी कोई व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने लगता है तो उसके सांसारिक शुभचिंतक बहुत चिंतित हो जाते है । उन्हें लगता है कि लड़का भटक गया है, इसे नहीं रोका गया तो योगी, सन्यासी और साधू – महात्मा हो जायेगा । वे उसे समझाना शुरू कर देते है, ना मानने पर डांट और फटकार […]
https://www.adhyatmasagar.com/adhyatmikta-ki-avshyakta.html
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खुशहाल जीवन के लिए एक आध्यात्मिकता | खुशहाल जीवन के लिए एक आध्यात्मिकता
आध्यात्मिकता और धार्मिकता में क्या अंतर है? दोनों एक जैसे प्रतीत होते हैं पर वास्तव में हैं नहीं। धार्मिकता किसी...
https://www.bhaskar.com/JHA-RAN-HMU-MAT-latest-ranchi-news-034002-370492-NOR.html/
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धर्म और आध्यात्मिकता : समान या अलग
दुनिया में हर कोई आध्यात्मिक पथ पर है। कोई मतलब हर किसी से, तथापि, सभी में एक रास्ते पर जा रहा है के बारे में पता है। अधिकांश लोग अपने दु: ख से बचने के लिए खुशी और प्रासंगिक के रूप में सब कुछ वे करते पीछे अपरिवर्तनीय प्रेरणा के रूप में नहीं मिल के प्रयासों को देखते हैं। इस सृष्टि के मूलभूत प्रश्न, 'मैं कौन हूँ?
https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/religion+world+hindi-epaper-reliwhi/dharm+aur+aadhyatmikata+saman+ya+alag-newsid-n124944554
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उच्च आदर्शों एवं आध्यात्मिकता की ऊंची मीनार थी राजयोगिनी दादी जानकी
उच्च आदर्शों एवं आध्यात्मिकता की ऊंची मीनार थी राजयोगिनी दादी जानकी
https://www.prabhasakshi.com/personality/rajyogini-dadi-janaki-was-the-tower-of-high-ideals-and-spirituality