लाइफस्टाइल डेस्क. बच्चे जब छोटे होते हैं तो माता-पिता ही उनके सारे काम करते हैं। उनके खिलौने जगह पर रखना, बिस्तर लगाना, किताबें उठाना, कमरे को साफ करना और न जाने क्या-क्या।
नीलम अरोड़ा सात साल की नैना की दोस्त उनके घर आने वाली थी। आ' साल का नैना का भाई भी इस बात को लेकर परेशान था। दरअसल उन दोनो के कमरे का सामान अस्त व्यस्त था। दोनो का यह एहसास हो रहा था कि कोई यहां आ...
बच्चे स्कूल की शुरुआत अपने घर में और सुमदाय में दूसरों के संपर्क से प्राप्त विचारों, भाषाओं, ज्ञान, कौशलों और अवधारणाओं के साथ करते हैं। बच्चे जब उनके सतत विकास के लिए मुख्य संसाधनों के रूप में उनकी भाषायी और सांस्कृतिक क्षमताओं की पहचान कर लेते हैं, तो स्कूल में उनकी औपचारिक शिक
लाइफस्टाइल डेस्क. बच्चे जब छोटे होते हैं तो माता-पिता ही उनके सारे काम करते हैं। उनके खिलौने जगह पर रखना, बिस्तर लगाना, किताबें उठाना, कमरे को साफ करना और न जाने क्या-क्या।
नीलम अरोड़ा सात साल की नैना की दोस्त उनके घर आने वाली थी। आ' साल का नैना का भाई भी इस बात को लेकर परेशान था। दरअसल उन दोनो के कमरे का सामान अस्त व्यस्त था। दोनो का यह एहसास हो रहा था कि कोई यहां आ...
बच्चे स्कूल की शुरुआत अपने घर में और सुमदाय में दूसरों के संपर्क से प्राप्त विचारों, भाषाओं, ज्ञान, कौशलों और अवधारणाओं के साथ करते हैं। बच्चे जब उनके सतत विकास के लिए मुख्य संसाधनों के रूप में उनकी भाषायी और सांस्कृतिक क्षमताओं की पहचान कर लेते हैं, तो स्कूल में उनकी औपचारिक शिक