इतिहास का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था".
तालाब एवं समाज के अन्तः सम्बन्धों, रखवाली से लेकर इसकी व्यवस्था में जन-भागीदारी ने इन जलाशयों को समाज की जीवनरेखा बना दिया। समाज ने जन्मोत्सव से लेकर मृत्युपर्यन्त तक गहरा रिश्ता स्थापित करके इनको जीवन का अभिन्न अंग बनाकर ऊँचे आसन पर प्रतिष्ठापित कर दिया। जन समुदाय ने सांस्कृतिक एवं धार्म
इतिहास का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था".
तालाब एवं समाज के अन्तः सम्बन्धों, रखवाली से लेकर इसकी व्यवस्था में जन-भागीदारी ने इन जलाशयों को समाज की जीवनरेखा बना दिया। समाज ने जन्मोत्सव से लेकर मृत्युपर्यन्त तक गहरा रिश्ता स्थापित करके इनको जीवन का अभिन्न अंग बनाकर ऊँचे आसन पर प्रतिष्ठापित कर दिया। जन समुदाय ने सांस्कृतिक एवं धार्म