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दासप्रथा (पाश्चात्य) - विकिपीडिया
मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। मनुष्य के हाथों मनुष्य का ही बड़े पैमाने पर उत्पीड़न इस प्रथा के अंर्तगत हुआ है। दासप्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय
https://hi.wikipedia.org/wiki/दासप्रथा_(पाश्चात्य)
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गुलामी दूर नहीं गए जब पश्चिमी रोमन साम्राज्य फेल
गुलामी दूर नहीं गए जब पश्चिमी रोमन साम्राज्य फेल
https://www.greelane.com/hi/मानविकी/इतिहास-और-संस्कृति/chains-in-mediev
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दास प्रथा - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर
दास प्रथा (अंग्रेज़ी: Slavery) काफ़ी पुराने समय से सिर्फ़ भारत में ही बल्कि दुनिया के कई देशों में व्याप्त रही है। मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। यद्यपि चौथी शताब्दी ई. पू. में भारत के विषय में मेगस्थनीज ने लिखा था कि "भारतव
https://bharatdiscovery.org/india/दास_प्रथा#gsc.tab=0
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अमरीका: दास प्रथा ख़त्म करवाने वाला भारतीय - BBC News हिंदी
अब्राहम लिंकन ने अमरीका में दास प्रथा का ख़ात्मा किया था. पर मिसिसिपी राज्य में इस फ़रवरी तक भी ये प्रथा जारी थी. इसे ख़त्म करने में एक भारतीय ने बड़ी भूमिका निभाई.
https://www.bbc.com/hindi/international/2013/02/130220_international_us_slavery_indian_rj
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दासप्रथा - विक्षनरी
दासप्रथा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दास + प्रथा] वह पुरानी प्रथा जिसके अनुसार दास के रूप में निम्न वर्ग के मनुष्यो का क्रय विक्रय होता । उ॰— दासप्रथा दुनिया के बहुत से भागों से बहुत पहिले खतम हो चुकी ।— भा॰ इ॰ रू॰, पृ॰ ४६ ।
https://hi.wiktionary.org/wiki/दासप्रथा
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प्राचीन भारत में दास प्रथा : एक सामाजिक-सांस्कृतिक कलंक
संस्कृति के बारे में जितनी अच्छी-अच्छी बातें संभव हैं, सब भारतीय संस्कृति में भी कही जाती हैं। जैसे कि भारतीय संस्कृति उदार है। समरस है। पुरानी है। नए विचारों का स्वागत करने वाली है। दास प्रथा के बारे में पूछा जाए तो अधिकांश का उत्तर होगा—‘नहीं, यह तो पश्चिम की विशेषता है। खासकर रोम की।…
https://omprakashkashyap.wordpress.com/2020/05/31/प्राचीन-भारत-में-दास-प्रथ/
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दास प्रथा
दास प्रथा
https://en.glosbe.com/hi/en/दास प्रथा
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प्राचीन भारत में दास प्रथा
प्राचीन भारत में दास प्रथा
http://library.azimpremjiuniversity.edu.in/cgi-bin/koha/opac-detail.pl?biblionumber=79733&shelfbrowse_itemnumber=100894
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विष्णु नागर का व्यंग्यः दास प्रथा से नाराज हनुमान ने रामजी से कहा
विष्णु नागर का व्यंग्यः दास प्रथा से नाराज हनुमान ने रामजी से कहा- कभी मोदी, शाह या योगी को भी ट्राय करें!
https://www.navjivanindia.com/opinion/after-joining-aap-annoyed-hanuman-told-ramji-that-try-modi-shah-or-yogi-too-satire-by-vishnu-nagar
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अकबर ने दास प्रथा का अंत कब किया था, जाने जवाब
सवाल : अकबर ने दास प्रथा का अंत कब किया था? जवाब : 1562 ईo को सवाल : अकबर ने हरमदल से मुक्ति कब लिया था? जवाब : 1562 ईo को सवाल : हरमदल को और किस शासन के नाम से भी जाना जाता है? जवाब : पेटीकोट शासन सवाल : हरमदल या पेटीकोट शासन का शासनकाल था? जवाब : 1560 - 62 ईo तक सवाल : अकबर ने तीर्थ यात्रा कर कब समाप्त किया था? जवाब : 1563 ईo को सवाल : अकबर ने जाजिया कर कब समाप्त किया था? जवाब : 1564 ईo को सवाल : अकबर ने फतेहपुर सिकरी का निर्माण कब करवाया था? जवाब : 1571 ईo को अगर आपको यह करंट अफेयर्स का आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा | और नीचे दिए गए पिले बटन को दबाकर हमे फॉलो करे
https://m.dailyhunt.in/news/nepal/hindi/daily+jeevan-epaper-dailyje/akabar+ne+das+pratha+ka+ant+kab+kiya+tha+jane+javab-newsid-135787504
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कैसे भुला दी गई अफ्रीकी लोगों की गुलामी की दास्तां
अफ्रीका के लोगों को गुलाम बनाकर दूसरे देशों में ले जाने के बारे में आम धारणा है कि पश्चिमी देशों के लोगों ने अफ्रीकी लोगों ने गुलाम बनाया लेकिन अरब देशों के मुस्लिमों ने पूर्वी अफ्रीका के लाखों लोगों को गुलाम बनाया था.
https://www.dw.com/hi/east-africas-forgotten-slave-trade/a-50136928
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ग़ुलाम प्रथा : दुनिया की हाट में बिकते इंसान
-फ़िरदौस ख़ान दुनियाभर में आज भी अमानवीय ग़ुलाम प्रथा जारी है और जानवरों की तरह इंसानों की ख़रीद-फ़रोख्त की जाती है। इन ग़ुलामों से कारख़ानों और बाग़ानों
https://www.pravakta.com/slave-system-the-human-being-sold-in-the-market/
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दास-प्रथा के घिनौने अतीत में झाँकना
दास-प्रथा के घिनौने अतीत में झाँकना
https://wol.jw.org/hi/wol/d/r108/lp-hi/101999131
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दासप्रथा (पाश्चात्य) - यूनियनपीडिया, अर्थ वेब विश्वकोश
मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। मनुष्य के हाथों मनुष्य का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न इस प्रथा के अंर्तगत हुआ है। दासप्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय हानेवाली सभ्यताओं के इतिहास में दासता ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्थाओं के निर्माण एवं परिचालन में महत्वपूर्ण योगदान किया है। जो सभ्यताएँ प्रधानतया तलवार के बल पर बनी, बढ़ीं और टिकी थीं, उनमें दासता नग्न रूप में पाई जाती थी। पश्चिमी सभ्यता के विकास के इतिहास में दासप्रथा ने विशिष्ट भूमिका अदा की है। किसी अन्य सभ्यता के विकास में दासों ने संभवत: न तो इतना बड़ा योग दिया है और न अन्यत्र दासता के नाम पर मनुष्य द्वारा मनुष्य का इतना व्यापक शोषण तथा उत्पीड़न ही हुआ है। पाश्चात्य सभ्यता के सभी युगों में - यूनानी, रोमन, मध्यकालीन तथा आधुनिक- दासों ने सभ्यता की भव्य इमारत को अपने पसीने और रक्त से उठाया है। . 4 संबंधों।
https://hi.unionpedia.org/दासप्रथा_(पाश्चात्य)
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दास प्रथा का अंत कब और किसने किया
दास प्रथा का अंत कब और किसने किया दास प्रथा का अर्थ दास प्रथा का उन्मूलन दास प्रथा कब समाप्त हुई दास प्रथा का अन्त दास प्रथा किसे कहते हैं रूस में
https://www.prashnpatr.com/दास-प्रथा-का-अंत-कब-और-किसन/