दुर्गेश पार्थसारथी रोपड़ (पंजाब): कहते हैं कि सभ्यता और संस्कृति कभी मरती नहीं है। पर इतना जरूर है कि वक्त की मोटी परत के नीचे जरूर दब जाती है और उसके उपर एक के बाद एक नई सभ्यता व संस्कृति जन्म लेती है...
योगेश मिश्र की पुस्तक ‘समय के आलेख’ वास्तव में समय के दस्तावेज ही है. लगभग एक ऐतिहासिक युग की काल गाथा. इसमें से भी उन मुद्दों और चिंताओं को मील के पत्थर की भांति शब्दाकार चित्रित कर सकने की क्षमता निश्चय ही लेखक योगेश मिश्र की संवेदना और रचनाधर्मिता को विशेष दर्जा प्रदान करती है.
भाषा कला एवं संस्कृति विभाग ने सदियों पुराने अभिलेखों को संरक्षित करने की योजना तैयार की है। अभिलेखों को आधुनिक तकनीक की मदद से संरक्षित किया जा रहा है।
पाठक मंच इकाई ने संस्कृति संवाद पुस्तक पर चर्चा संयोजक अनिरुद्ध सिंह सेंगर के निवास पर आयोजित की। कालखंड की ऐतिहासिक,साहित्यिक दस्तावेज है संस्कृति संवाद पुस्तक | कालखंड की ऐतिहासिक,साहित्यिक दस्तावेज है संस्कृति संवाद पुस्तक
दुर्गेश पार्थसारथी रोपड़ (पंजाब): कहते हैं कि सभ्यता और संस्कृति कभी मरती नहीं है। पर इतना जरूर है कि वक्त की मोटी परत के नीचे जरूर दब जाती है और उसके उपर एक के बाद एक नई सभ्यता व संस्कृति जन्म लेती है...
योगेश मिश्र की पुस्तक ‘समय के आलेख’ वास्तव में समय के दस्तावेज ही है. लगभग एक ऐतिहासिक युग की काल गाथा. इसमें से भी उन मुद्दों और चिंताओं को मील के पत्थर की भांति शब्दाकार चित्रित कर सकने की क्षमता निश्चय ही लेखक योगेश मिश्र की संवेदना और रचनाधर्मिता को विशेष दर्जा प्रदान करती है.
भाषा कला एवं संस्कृति विभाग ने सदियों पुराने अभिलेखों को संरक्षित करने की योजना तैयार की है। अभिलेखों को आधुनिक तकनीक की मदद से संरक्षित किया जा रहा है।
पाठक मंच इकाई ने संस्कृति संवाद पुस्तक पर चर्चा संयोजक अनिरुद्ध सिंह सेंगर के निवास पर आयोजित की। कालखंड की ऐतिहासिक,साहित्यिक दस्तावेज है संस्कृति संवाद पुस्तक | कालखंड की ऐतिहासिक,साहित्यिक दस्तावेज है संस्कृति संवाद पुस्तक