इस भाग में स्वास्थ्य सेवा तंत्र के अंतर्गत सामुदायिक स्वस्थ्य कर्मचारी,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,उपस्वास्थ्य केंद्र,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल की संक्षिप्त जानकारी दी गई है।
स्वतन्त्रता के बाद के युग में स्वास्थ्य की देखभाल से सम्बन्धित ढाँचे में व्यापक विकास देखने में आया है लेकिन जनसंख्या के निरन्तर बढ़ने, परिवर्तित जीवन-पद्धति और नित नए रोगों के उभरने से स्वास्थ्य की देखभाल का काम बढ़ गया है। लेखिका का कहना है कि इन सब समस्याओं के कारण इस क्षेत्र में जितना कार्य
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्कलखनऊ। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बदतर होने के कारण लोग निजी स्वास्थ्य सेवा को लेने के लिए मजबूर है। निजी स्वास्थ्य सेवा लेने में सबसे ज्यादा परेशानी गरीब परिवारों को होती...
इस भाग में स्वास्थ्य सेवा तंत्र के अंतर्गत सामुदायिक स्वस्थ्य कर्मचारी,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,उपस्वास्थ्य केंद्र,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल की संक्षिप्त जानकारी दी गई है।
स्वतन्त्रता के बाद के युग में स्वास्थ्य की देखभाल से सम्बन्धित ढाँचे में व्यापक विकास देखने में आया है लेकिन जनसंख्या के निरन्तर बढ़ने, परिवर्तित जीवन-पद्धति और नित नए रोगों के उभरने से स्वास्थ्य की देखभाल का काम बढ़ गया है। लेखिका का कहना है कि इन सब समस्याओं के कारण इस क्षेत्र में जितना कार्य
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्कलखनऊ। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बदतर होने के कारण लोग निजी स्वास्थ्य सेवा को लेने के लिए मजबूर है। निजी स्वास्थ्य सेवा लेने में सबसे ज्यादा परेशानी गरीब परिवारों को होती...