योगेश कुमार गोयल नशा चाहे किसी भी चीज का हो, जानलेवा होता है लेकिन मादक पदार्थों का नशा तो लोगों को बुरी तरह पंगु बना देता है। नशीले पदार्थों के दुरूपयोग की समस्या विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है। मादक पदार्थों का सेवन अब मानवता के प्रति सबसे बड़े अपराध का रूप धारण कर चुका है। […]
26 जून को अंतर्राष्ट्रीय दिवस नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) 'ड्रग्स-फ्री इंडिया' (Drugs-Free India,) तथा 'ड्रग्स-फ्री वर्ल्ड' (Drugs-Free World) का निर्माण कड़े अन्तर्राष्ट्रीय कानून, योग तथा संतुलित शिक्षा के द्वारा सम्भव
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण बढ़ती बेरोज़गारी और घटते अवसरों का सबसे ज़्यादा असर निर्धनतम समुदायों पर हो रहा है जो उन्हें धन कमाने के लिए नशीली दवाओं की तस्करी, खेती और मादक पदार्थों (ड्रग्स) के इस्तेमाल की ओर धकेल सकता है. मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय (UNODC) ने गुरुवार को एक नई रिपोर्ट जारी की है जो दर्शाती है कि दुनिया में साढ़े तीन करोड़ से
योगेश कुमार गोयल नशा चाहे किसी भी चीज का हो, जानलेवा होता है लेकिन मादक पदार्थों का नशा तो लोगों को बुरी तरह पंगु बना देता है। नशीले पदार्थों के दुरूपयोग की समस्या विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है। मादक पदार्थों का सेवन अब मानवता के प्रति सबसे बड़े अपराध का रूप धारण कर चुका है। […]
26 जून को अंतर्राष्ट्रीय दिवस नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) 'ड्रग्स-फ्री इंडिया' (Drugs-Free India,) तथा 'ड्रग्स-फ्री वर्ल्ड' (Drugs-Free World) का निर्माण कड़े अन्तर्राष्ट्रीय कानून, योग तथा संतुलित शिक्षा के द्वारा सम्भव
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण बढ़ती बेरोज़गारी और घटते अवसरों का सबसे ज़्यादा असर निर्धनतम समुदायों पर हो रहा है जो उन्हें धन कमाने के लिए नशीली दवाओं की तस्करी, खेती और मादक पदार्थों (ड्रग्स) के इस्तेमाल की ओर धकेल सकता है. मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय (UNODC) ने गुरुवार को एक नई रिपोर्ट जारी की है जो दर्शाती है कि दुनिया में साढ़े तीन करोड़ से