पीटीएसडी (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर), किसी दर्दनाक हादसे का सामना करने के बाद विकसित होता है। यह युद्ध से आये सैनिकों में सबसे अधिक सम्बंध रखता है, लेकिन हिंसक अपराध, दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं, तथा अन्य हादसों के शिकार व्यक्ति भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। पीटीएसडी में अक्सर अत्यधिक चिंता और घबराहट होती है।
पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) - लक्षण - अनचाहे आने वाले विचार जो आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं। बुरे सपने आना। पिछली घटनाएँ याद आना। उन अनुभूतियों और विचारों से बचने का प्रयास करना जो आपको आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं।.
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति का सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। उसे सोचने-समझने के साथ ही किसी कार्य को करने में भी परेशानी आने लगती है, जिससे हर दिन चुनौती बन जाता है। ऐसे मामलों में व्यक्ति डिप्रेशन में जाते हुए खुद को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) - लक्षण - अनचाहे आने वाले विचार जो आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं। बुरे सपने आना। पिछली घटनाएँ याद आना। उन अनुभूतियों और विचारों से बचने का प्रयास करना जो आपको आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं।.
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति का सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। उसे सोचने-समझने के साथ ही किसी कार्य को करने में भी परेशानी आने लगती है, जिससे हर दिन चुनौती बन जाता है। ऐसे मामलों में व्यक्ति डिप्रेशन में जाते हुए खुद को नुकसान भी पहुंचा सकता है।