कुष्ठरोग या हैन्सेन का रोग (एचडी) , चिकित्सक गेरहार्ड आर्मोर हैन्सेन के नाम पर, माइकोबैक्टेरियम लेप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जीवाणुओं के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है।
कुष्ठ रोग या कोढ़ की बीमारी ठीक हो सकती है। यह हर व्यक्ति की कंडीशन पर निर्भर करता है कि उसे ठीक होने में कितना वक्त लगेगा या उसकी बीमारी लाइलाज होने के स्तर पर पहुंच चुकी है। यहां जानते हैं, इस बीमारी से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने और इसकी रोकथाम के लिए यह दिन मनाया जाता है. कुष्ठ रोग को कई लोग लाइलाज मानते हैं, लेकिन कुष्ठ रोग का इलाज आसानी से हो सकता है.
कुष्ठ रोग की पहचान करना सबसे जरूरी होता है. अगर कुष्ठ रोग की पहचान जल्दी हो जाए तो कुष्ठ रोग का इलाज संभव है. वैसे तो कुष्ठ रोग का होम्योपैथिक दवा से भी इलाज होता है. आयुर्वेदिक इलाज भी कुष्ठ रोग का होता है. लेकिन डॉक्टर्स व एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कुष्ठ रोग का इलाज एमडीटी और अन्य आधुनिक दवाओं से ही कराना चाहिए.
कुष्ठरोग या हैन्सेन का रोग (एचडी) , चिकित्सक गेरहार्ड आर्मोर हैन्सेन के नाम पर, माइकोबैक्टेरियम लेप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जीवाणुओं के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है।
कुष्ठ रोग या कोढ़ की बीमारी ठीक हो सकती है। यह हर व्यक्ति की कंडीशन पर निर्भर करता है कि उसे ठीक होने में कितना वक्त लगेगा या उसकी बीमारी लाइलाज होने के स्तर पर पहुंच चुकी है। यहां जानते हैं, इस बीमारी से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने और इसकी रोकथाम के लिए यह दिन मनाया जाता है. कुष्ठ रोग को कई लोग लाइलाज मानते हैं, लेकिन कुष्ठ रोग का इलाज आसानी से हो सकता है.
कुष्ठ रोग की पहचान करना सबसे जरूरी होता है. अगर कुष्ठ रोग की पहचान जल्दी हो जाए तो कुष्ठ रोग का इलाज संभव है. वैसे तो कुष्ठ रोग का होम्योपैथिक दवा से भी इलाज होता है. आयुर्वेदिक इलाज भी कुष्ठ रोग का होता है. लेकिन डॉक्टर्स व एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कुष्ठ रोग का इलाज एमडीटी और अन्य आधुनिक दवाओं से ही कराना चाहिए.