सार्कोइडोसिस शरीर के अनेक अंगों, मुख्यतः फेफड़ों और लसीका ग्रंथियों, को प्रभावित करने वाली बीमारी है, जिसमें सूजन हो जाती है। सार्कोइडोसिस से पीड़ित लोगों में, शरीर के कुछ अंगों में असामान्य गांठें (ग्रैन्युलोमा) बन जाती हैं जिनमें सूजे हुए ऊतक होते हैं।
ट्यूबरकुलोसिस (टी.बी.) से मिलती-जुलती एक अन्य बीमारी है,जिसे सारकॉइडोसिस कहते हैं। टी.बी. की बीमारी की तरह यह भी शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है, हालांकि
सारकॉइडोसिस से फेफड़ों, लसिका ग्रंथी, आंख व त्वचा पर सूजन वाली कोशिकाएं इकट्ठा हो जाती है जो बाद में गांठ का रुप ले लेती हैं। इन गांठों की वजह से शरीर के उस हिस्से की कार्यप्रणाली में बदलाव आने की संभावना होती है।
ट्यूबरकुलोसिस (टी.बी.) से मिलती-जुलती एक अन्य बीमारी है,जिसे सारकॉइडोसिस कहते हैं। टी.बी. की बीमारी की तरह यह भी शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है, हालांकि
सारकॉइडोसिस से फेफड़ों, लसिका ग्रंथी, आंख व त्वचा पर सूजन वाली कोशिकाएं इकट्ठा हो जाती है जो बाद में गांठ का रुप ले लेती हैं। इन गांठों की वजह से शरीर के उस हिस्से की कार्यप्रणाली में बदलाव आने की संभावना होती है।