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स्ट्रोक (आघात) और डिमेंशिया (मनोभ्रंश)
25% केस में स्ट्रोक (आघात, पक्षाघात, सदमा, stroke) जानलेवा होता है. बचने वालों में से कुछ फिर से अच्छे हो पाते हैं, पर अन्य लोगों में पूरी तरह शारीरिक और मानसिक क्षमताएं ठीक नहीं होतीं. इस के कुछ महीनों में कुछ व्यक्तियों को डिमेंशिया (मनोभ्रंश, dementia) भी हो सकता है.
https://dementiahindi.com/stroke-and-dementia/
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स्ट्रोक (आघात) - हिंदी में कुछ जानकारी
===============यह विवरण https://dementiahindi.com/stroke-and-dementia/ से अनुमतिनुसार एवं साभार लिया गया है।विवरण (c) स्वप्ना किशोर============== स्ट्रोक (आघात, पक्षाघात, सदमा, stroke) एक गंभीर रोग है। हम कई बार देखते और सुनते हैं कि […]
https://strokesupport.in/स्ट्रोक-हिंदी-जानकारी/
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आघात - कैपिटल कार्डियोलोजी एसोसिएट्स
जब आपके मस्तिष्क के एक भाग में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है, आप एक स्ट्रोक हो सकता है. ऑक्सीजन और रक्त से पोषक तत्वों के बिना, मस्तिष्क की कोशिकाओं को जल्दी मर जाते हैं.
https://www.capitalcardiology.com/patient-education/heart-conditions/stroke/?lang=hi
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पक्षाघात (स्ट्रोक)
पक्षाघात तब लगता है जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे रक्त आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है। जिस तरह किसी व्यक्ति के हृदय में जब रक्त आपूर्ति का आभाव होता तो कहा जाता है कि उसे दिल का दौरा
https://www.christopherreeve.org/hi/international/top-paralysis-topics-in-hindi/stroke
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स्ट्रोक (आघात) | स्ट्रोक क्या है? | स्ट्रोक किन कारणों से होता है?
स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिमाग का एक हिस्सा खून के बहाव में कमी तथा रक्त नलिकाओं के क्षतिग्रक्त होने के कारण कार्य करना बन्द कर देता है।
https://www.knowtreatment.com/diseases/stroke-2?lang=hi/
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मस्तिष्क आघात अब है समुचित उपचार
ब्रेन स्ट्रोक, दिल की बीमारिया और कैंसर की गणना तीन बड़े गंभीर व जानलेवा रोगों में की जाती है। फिर भी समय रहते कुछ सजगताएं बरतने से इन रोगों से बचाव और समुचित इलाज संभव है। यह बात मस्तिष्क आघात पर भी लागू होती है।
https://www.jagran.com/health/9782882.html
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स्ट्रोक - न्यूमैक
स्ट्रोक एक स्ट्रोक तब होता है जब रक्त का थक्का एक धमनी को अवरुद्ध करता है, या जब रक्त वाहिका टूट जाती है, तो मस्तिष्क के एक क्षेत्र में रक्त प्रवाह बाधित होता है। जब इनमें से कोई भी चीज होती है, तो मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं, और मस्तिष्क की क्षति होती है। जब मस्तिष्क कोशिकाएं एक स्ट्रोक के दौरान मर जाती हैं, तो उस क्षेत्र द्वारा नियंत्रित क्षमताओं ... और पढ़ें »
https://www.numc.edu/hi/about/nuoutcomes-quality-reports/quality-at-the-nassau-university-medical-center/stroke/
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स्ट्रोक/आघात
स्ट्रोक/आघात
https://www.myupchar.com/disease/stroke
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मुबारक को मस्तिष्क आघात, हालत चिंताजनक
मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को मस्तिष्क आघात हुआ है और उन्हें यूरा जेल से समीपवर्ती मादी सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है. स्थानीय मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है.
https://www.aajtak.in/trending/story/Hosni-Mubarak-in-coma-after-stroke-sources-119792-2012-06-20
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे: ‘स्ट्रोक के उपचार की अभी भी भारत में उचित व्यवस्था नहीं’
नई दिल्ली (आईएएनएस)। आज वर्ल्ड स्ट्रोक डे (विश्व आघात दिवस) है। दुनियाभर में कोरोनरी धमनी रोग के बाद मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है ब्रेन स्ट्रोक, जो स्थाई विकलांगता का भी एक सबसे प्रचलित कारण है।...
https://www.gaonconnection.com/sehat-connection/new-delhi-world-stroke-day-indian-medical-association-dr-k-k-aggarwal-october-29
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फिजियोथेरेपी के द्वारा मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक) का इलाज संभव
फिजियोथेरेपी के द्वारा मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक) का इलाज संभव – डाॅ. ए. एस. मूर्ति
https://parichowk.com/?p=20601
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80 फीसदी रोगी मस्तिष्क आघात से अनजान
80 फीसदी रोगी मस्तिष्क आघात से अनजान
80 फीसदी रोगी मस्तिष्क आघात से अनजान
https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/noida/Noida-26522-73
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ब्रेन-हेमरेज, ब्रेन-स्ट्रोक (मस्तिष्क आघात) अर्थात दिमाग़ की नस का फटना
मस्तिष्क आघात के मरीज़ को कैसे पहचानें?
एक पार्टी चल रही थी, एक महिला को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई, मगर उसने अपने आसपास के लोगों को यह कह कर आश्वस्त कर दिया कि -"सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी" । (यद्यपि आसपास के लोगों ने ऐम्बुलैंस बुलाने की पेशकश भी की...)साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई! ऐसा लग रहा था कि महिला थोड़ा अपने आप में सहज नहीं है! उस समय तो वह पूरी शाम पार्टी एन्जॉय करती रहीं, पर बाद में उसके पति का लोगों के पास फोन आया कि उसे अस्पताल में ले जाया गया जहाँ उसने उसी शाम दम तोड़ दिया!!दरअसल उस पार्टी के दौरान महिला को ब्रेन-हैमरेज हुआ था! अगर वहाँ पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज वो महिला हमारे बीच जीवित होती..!!माना कि ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है, लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज़ और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं!!स्ट्रोक की पहचान-बामुश्किल एक मिनट का समय लगेगा,
आईए जानते हैं-
न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं- अगर कोई व्यक्ति ब्रेन में स्ट्रोक लगने के, तीन घंटे के अंदर, अगर उनके पास पहुँच जाए तो स्ट्रोक के प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त (reverse) किया जा सकता है। उनका मानना है कि सारी की सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के लक्षणों की तुरंत पहचान होकर, मरीज़ को जल्द से जल्द (यानि तीन घंटे के अंदर-अंदर) डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो सके, और बस दुःख इस बात का ही है कि अज्ञानतावश यह सब ही execute नहीं हो पाता है!!!
मस्तिष्क के चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिए तीन अतिमहत्वपूर्ण बातें जिन्हें वे STR कहते हैं, सदैव ध्यान में रखनी चाहिए।
अगर STR नामक ये तीन बातें हमें मालूम हों तो मरीज़ के बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है।
ये 3 बातें इस प्रकार हैं-
1) S = Smile अर्थात उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।
2) T = Talk यानि उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें, जैसे- 'आज मौसम बहुत अच्छा है' आदि।और तीसरा...
3) R = Raise अर्थात उस व्यक्ति को उसके दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिए कहें।
अगर उस व्यक्ति को उपरोक्त तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है, तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुलाकर उसे न्यूरो-चिकित्सक के अस्पताल में शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे इन लक्षणों के बारे में बता दें ताकि वह पहले से ही डाक्टर को इस बाबत खुलासा कर सके।इनके अलावा स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है-
उस आदमी को अपनी जीभ बाहर निकालने को कहें। अगर उसकी जीभ सीधी बाहर नहीं आकर, एक तरफ़ मुड़ सी रही है, तो यह भी ब्रेन-स्ट्रोक का एक प्रमुख लक्षण है।
एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस मैसेज़ को पढ़ने वाला, इसे ज्यादा नही तो आगे, कम से कम अगर दस लोगों को भी भेजे, तो निश्चित तौर पर, कुछ न कुछ बेशकीमती "जानें" तो बचाई ही जा सकती हैं!!!आवश्यक है कि इस जानकारी को अधिकतम शेयर करें।
समय गूंगा नहीं, बस मौन है!!ये तो वक्त ही बताता है, कि किसका कौन है??
https://greatnationalachievement.page/article/bren-hemarej-bren-strok-mastishk-aaghaat-arthaat-dimaag-kee-nas-ka-phatana/3pRWhO.html