अल्सरेटिव कोलाइटिस में पाचन-नली में लम्बी अवधि तक रहने वाली सूजन और अल्सर विकसित हो जाते हैं। यह कोलॉन और मलाशय (रेक्टम) की अंदरूनी सतह को प्रभावित करता है। इसके लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या होता है इस बीमारी के मुख्य लक्षण क्या है अल्सरेटिव कोलाइटिस एक आईबीडी (इन्फ्लैमेटरी बाउल डिजीज) है। इन्फ्लैमेटरी बाउल डिजीज में बीमारियों के समूह शामिल होते हैं, जो जीआई (गैस्ट्रो-आंतों) ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं।
डॉ हर्ष शाह अहमदाबाद में टॉप अल्सरेटिव कोलाइटिस के डॉक्टर हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस के निदान, अल्सरेटिव कोलाइटिस की जांच, अल्सरेटिव कोलाइटिस के उपचार में उन्हें 12 से अधिक वर्षों का अनुभव है।अल्सरेटिव कोलाइटिस उपचार के लिए सबसे अच्छा केंद्र और अहमदाबाद में अल्सरेटिव कोलाइटिस का उपचार सबसे कम दाम में करते हैं
अल्सरेटिव कोलाइटिस आतों से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें रोगी को असहनीय पेट दर्द का सामना करना पड़ता है। आतों की इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को खाने-पीने में विशेष सावधानी बरतना पड़ती
🔴 एक बार मुझे बड़ी अजीब सी बीमारी ने घेर लिया। सन् २००१ ई. की बात है। पहले तो पेट में दर्द हुआ और इसकी दवा लेते ही दस्त शुरू हो गए।दस्त की दवा ली, तो रोग ने और भी गंभीर रूप ले लिया। यहाँ तक कि मल के रास्ते से खून के थक्के निकलने लगे। शरीर क
अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या होता है इस बीमारी के मुख्य लक्षण क्या है अल्सरेटिव कोलाइटिस एक आईबीडी (इन्फ्लैमेटरी बाउल डिजीज) है। इन्फ्लैमेटरी बाउल डिजीज में बीमारियों के समूह शामिल होते हैं, जो जीआई (गैस्ट्रो-आंतों) ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं।
डॉ हर्ष शाह अहमदाबाद में टॉप अल्सरेटिव कोलाइटिस के डॉक्टर हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस के निदान, अल्सरेटिव कोलाइटिस की जांच, अल्सरेटिव कोलाइटिस के उपचार में उन्हें 12 से अधिक वर्षों का अनुभव है।अल्सरेटिव कोलाइटिस उपचार के लिए सबसे अच्छा केंद्र और अहमदाबाद में अल्सरेटिव कोलाइटिस का उपचार सबसे कम दाम में करते हैं
अल्सरेटिव कोलाइटिस आतों से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें रोगी को असहनीय पेट दर्द का सामना करना पड़ता है। आतों की इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को खाने-पीने में विशेष सावधानी बरतना पड़ती
🔴 एक बार मुझे बड़ी अजीब सी बीमारी ने घेर लिया। सन् २००१ ई. की बात है। पहले तो पेट में दर्द हुआ और इसकी दवा लेते ही दस्त शुरू हो गए।दस्त की दवा ली, तो रोग ने और भी गंभीर रूप ले लिया। यहाँ तक कि मल के रास्ते से खून के थक्के निकलने लगे। शरीर क