हृदय रोग एवं विकार, जिसमें अत्यधिक कोलेस्टरॉल के कारण होने वाली कार्डियो-वस्कुलर बीमारियाँ भी शामिल हैं। संचार-प्रणाली से सम्बंधित अन्य समस्याएं, जैसे डीप वेन थ्रॉम्बोसिस, और बच्चों के हृदय रोग।
प्लाक (रक्त में वसा, कॉलेस्ट्रोल, कैल्सियम और अन्य पदार्थ) नामक वसीय, मोम जैसा जमा पदार्थ एथेरोस्कलेरोसिस नामक प्रक्रिया में कोरोनरी धमनियों में जमा हो सकता है। यह जमा हुआ पदार्थ आपकी धमनियों को संकरा बना सकता है या आपकी धमनियों में जम सकता है, जिससे हृदय में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को कोरोनरी धमनी की बीमारी (सीएडी) कहते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और लोकसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू गए दिनों ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’ नामक बीमारी के चलते हॉस्पिटल में एडमिट हुए. आइए जाने क्या है ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’.
रक्त वाहिकाओं में जब
वाराणसी. बच्चों के दिल में छेद का समय से इलाज कराये। अत्याधुनिक तकनीक ने यह सुविधा दे दी है कि ऐसी बीमारी का समय से पता चल जाता है और चिकित्सकों से इलाज कराया जाये तो बीमारी हमेशा के लिए ठीक भी हो जाती है। यह
प्लाक (रक्त में वसा, कॉलेस्ट्रोल, कैल्सियम और अन्य पदार्थ) नामक वसीय, मोम जैसा जमा पदार्थ एथेरोस्कलेरोसिस नामक प्रक्रिया में कोरोनरी धमनियों में जमा हो सकता है। यह जमा हुआ पदार्थ आपकी धमनियों को संकरा बना सकता है या आपकी धमनियों में जम सकता है, जिससे हृदय में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को कोरोनरी धमनी की बीमारी (सीएडी) कहते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और लोकसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू गए दिनों ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’ नामक बीमारी के चलते हॉस्पिटल में एडमिट हुए. आइए जाने क्या है ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’.
रक्त वाहिकाओं में जब
वाराणसी. बच्चों के दिल में छेद का समय से इलाज कराये। अत्याधुनिक तकनीक ने यह सुविधा दे दी है कि ऐसी बीमारी का समय से पता चल जाता है और चिकित्सकों से इलाज कराया जाये तो बीमारी हमेशा के लिए ठीक भी हो जाती है। यह