अंतः स्त्रावी प्रणाली में अनेक ग्रंथियाँ हैं जो संचार-प्रणाली में विभिन्न हॉर्मोन प्रवाहित करती हैं। यदि कोई गड़बड़ हो जाये, तो बच्चे के विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। विकास से सम्बंधित अंतः स्त्रावी विकारों में ग्रोथ हॉर्मोन (जीएच) की कमी भी शामिल है, जो तब हो जाती है जब पीयूष-ग्रंथि उचित मात्रा में जीएच प्रवाहित नहीं करती है।
अपपठन या डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक अधिगम विकलांगता है जिसका प्रकटीकरण मुख्य रूप से वाणी या लिखित भाषा के दृश्य अंकन की कठिनाइयों के रूप में होता है। यह समस्या विशेष तौर पर मनुष्य-निर्मित लेखन प्रणालियों को पढ़ने में होती है। यह देखने या सुनने की गैर-नयूरोलोजिकल कमी, या बेकार अथव
भोजन विकारों एक व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की हानि के लिए अपर्याप्त या अत्यधिक भोजन के सेवन या तो शामिल हो सकता है। असामान्य खाने की आदतों से परिभाषित मनोवैज्ञानिक बीमारियों हो सकती हैं।
3.अखरोट :-- अगर आप चाहते है कि आपकी स्मरण शक्ति बहुत ही तेज हो तो आप नित्य अखरोट का सेवन अवश्य ही करें । हमारे दिमाग की संरचना बिलकुल अखरोट की तरह ही होती है । हमें नित्य 20 ग्राम अखरोट 10 ग्राम किशमिश के साथ चाहिए। इससे दिमाग तेज होता है, हमें चीज़े लम्बे समय तक याद रहती है । लेकिन गर्मी में इसका प्रयोग कम करना चाहिए ।
महामारी विज्ञान (Epidemiology) सामान्य धारणानुसार महामारी विज्ञान का संबंध मानवरोगों के प्रकोप में सहसा वृद्धि के विभिन्न कारणों से है। महामारी की दशा में रोग की आपतन संख्या, व्यापकता और प्रसारक्षेत्र में आकस्मिक वृद्धि हो जाती है। यह शब्द प्राय: संक्रामक और घातक रोगों की वृद्धि से उत्पन्न आपतकाल का द्योतक रहा है, परंतु गत वर्षो में इस विज्ञान का क्षेत्र अधिक व्यापक हो गया है और प्राचीन धारणा में भी महत्वपूर्ण अंतर हो गया है। अब यह शास्त्र केवल अकस्मात् प्रकुप्त महामारी के सिद्धांत का ही विवेचन नहीं करता है, वरन् साधारण तथा महामारी दोनों ही स्थितियों में किसी भी रोग या विकार के जनता पर होनवा
अपपठन या डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक अधिगम विकलांगता है जिसका प्रकटीकरण मुख्य रूप से वाणी या लिखित भाषा के दृश्य अंकन की कठिनाइयों के रूप में होता है। यह समस्या विशेष तौर पर मनुष्य-निर्मित लेखन प्रणालियों को पढ़ने में होती है। यह देखने या सुनने की गैर-नयूरोलोजिकल कमी, या बेकार अथव
भोजन विकारों एक व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की हानि के लिए अपर्याप्त या अत्यधिक भोजन के सेवन या तो शामिल हो सकता है। असामान्य खाने की आदतों से परिभाषित मनोवैज्ञानिक बीमारियों हो सकती हैं।
3.अखरोट :-- अगर आप चाहते है कि आपकी स्मरण शक्ति बहुत ही तेज हो तो आप नित्य अखरोट का सेवन अवश्य ही करें । हमारे दिमाग की संरचना बिलकुल अखरोट की तरह ही होती है । हमें नित्य 20 ग्राम अखरोट 10 ग्राम किशमिश के साथ चाहिए। इससे दिमाग तेज होता है, हमें चीज़े लम्बे समय तक याद रहती है । लेकिन गर्मी में इसका प्रयोग कम करना चाहिए ।
महामारी विज्ञान (Epidemiology) सामान्य धारणानुसार महामारी विज्ञान का संबंध मानवरोगों के प्रकोप में सहसा वृद्धि के विभिन्न कारणों से है। महामारी की दशा में रोग की आपतन संख्या, व्यापकता और प्रसारक्षेत्र में आकस्मिक वृद्धि हो जाती है। यह शब्द प्राय: संक्रामक और घातक रोगों की वृद्धि से उत्पन्न आपतकाल का द्योतक रहा है, परंतु गत वर्षो में इस विज्ञान का क्षेत्र अधिक व्यापक हो गया है और प्राचीन धारणा में भी महत्वपूर्ण अंतर हो गया है। अब यह शास्त्र केवल अकस्मात् प्रकुप्त महामारी के सिद्धांत का ही विवेचन नहीं करता है, वरन् साधारण तथा महामारी दोनों ही स्थितियों में किसी भी रोग या विकार के जनता पर होनवा