शौचालय-प्रशिक्षण, या टॉयलेट-ट्रेनिंग, डायपर के इस्तेमाल को छोड़ कर शौचालय जाने की आदत डालने के बदलाव का समय है। माता-पिता के लिये इससे सम्बंधित सलाह और संसाधन, कब शुरू करना है, करने का तरीका, और सम्भावित कठिनाइयों की जानकारी।
जब शिशु एक साल से ऊपर का हो जाए तो उसे टॉयलेट ट्रेनिंग देने की शुरुआत कर देनी चाहिए। हालांकि शुरू-शुरू में बच्चा पॉटी सीट का प्रयोग करने में रूचि नहीं दिखाएगा, मगर धीरे-धीरे वह इसकी दिनचर्या का हिस्सा हो सकता है।
शिशु पॉटी ट्रेनिंग बच्चों के विकास में फायदा कर सकती है। साथ ही यह जरूरी भी है। इस लेख में हमारे साथ जानिए कि छोटे बच्चे को कैसे दें टॉयलेट ट्रेनिंग और शिशु टॉयलेट ट्रेनिंग के फायदे क्या हो सकते हैं।
हरेक माता-पिता के जीवन में एक क्षण ऐसा आता है, जब उन्हें अपने शिशु के एक निश्चित उम्र में पहुंच जाने के बाद उसे पॉटी के लिए प्रशिक्षित करने की ज़रूरत पड़ती है। हालांकि, सभी शिशु द्वारा पॉटी करने की शुरुआत एक ही उम्र में नहीं होते। अपने शिशु की पॉटी की ट्रेनिंग शुरु करने के लिए सही उम्र की जानकारी पाने के लिए पूरा आलेख पढ़ें।
इस संघर्ष से बचने के लिए, कई परिवार शौचालय प्रशिक्षण के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपना रहे हैं, एक जो आमतौर पर चीन, अफ्रीका के कुछ हिस्सों, भारत और दक्षिण और मध्य अमेरिका सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में उपयोग किया जाता है।
जब शिशु एक साल से ऊपर का हो जाए तो उसे टॉयलेट ट्रेनिंग देने की शुरुआत कर देनी चाहिए। हालांकि शुरू-शुरू में बच्चा पॉटी सीट का प्रयोग करने में रूचि नहीं दिखाएगा, मगर धीरे-धीरे वह इसकी दिनचर्या का हिस्सा हो सकता है।
शिशु पॉटी ट्रेनिंग बच्चों के विकास में फायदा कर सकती है। साथ ही यह जरूरी भी है। इस लेख में हमारे साथ जानिए कि छोटे बच्चे को कैसे दें टॉयलेट ट्रेनिंग और शिशु टॉयलेट ट्रेनिंग के फायदे क्या हो सकते हैं।
हरेक माता-पिता के जीवन में एक क्षण ऐसा आता है, जब उन्हें अपने शिशु के एक निश्चित उम्र में पहुंच जाने के बाद उसे पॉटी के लिए प्रशिक्षित करने की ज़रूरत पड़ती है। हालांकि, सभी शिशु द्वारा पॉटी करने की शुरुआत एक ही उम्र में नहीं होते। अपने शिशु की पॉटी की ट्रेनिंग शुरु करने के लिए सही उम्र की जानकारी पाने के लिए पूरा आलेख पढ़ें।
इस संघर्ष से बचने के लिए, कई परिवार शौचालय प्रशिक्षण के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपना रहे हैं, एक जो आमतौर पर चीन, अफ्रीका के कुछ हिस्सों, भारत और दक्षिण और मध्य अमेरिका सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में उपयोग किया जाता है।