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त्रिदोष - विकिपीडिया
वात, पित्त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। इन तीनों को धातु भी कहा जाता है। धातु इसलिये कहा जाता है क्योंकि ये शरीर को धारण करते हैं। चूंकि त्रिदोष, धातु और मल को दूषित करते हैं, इसी कारण से इनको ‘दोष’ कहते हैं।
https://hi.wikipedia.org/wiki/त्रिदोष
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शरीर में तीन प्रकार के दोष पाये जाते है I
आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के शरीर में तीन प्रकार के दोष पाये जाते है वात, पित्त और कफ जिनके आधार पर व्यक्ति की प्राकृति को निर्धारित किया जाता है।
https://www.myupchar.com/tips/vata-pitta-kapha-doshas-in-ayurveda-in-hindi
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जानिये क्या है वात-पित्त-कफ और इनका हमारे स्वास्थ्य से संबंध
जब भी आप बीमार पड़ते हैं तो कुछ दवाइयां खाकर जल्दी से राहत पा लेते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद आप फिर उसी बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं। असल में कई ऐसे रोग होते हैं जिन्हें अगर जड़ से खत्म ना किया जाए तो वे बार-बार आपको परेशान करते हैं।
https://www.1mg.com/hi/patanjali/what-is-tridosha/
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आयुर्वेद द्वारा स्वस्थ जीवन जीने के तरीके को जाने |
आयुर्वेद को जीवन का विज्ञानं भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है की सारा ब्रह्माण्ड पंच महाभूतों (पांच महा तत्वों) से मिलकर बना जो हैं-आकाश, वायु,अग्नि, जल एवम पृथ्वी । ये पांच महाभूत शरीर में सुक्ष्म ऊर्जा के स्त्रोत हैं I
https://www.artofliving.org/in-hi/ayurveda/what-is-ayurveda/dosha-imbalance
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आयुर्वेदिक दोष का आपके शरीर पर पड़ता है बुरा असर, जानें क्या होते हैं इसके लक्षण?
एक बार फिर से लोगों का ध्यान आयुर्वेद की तरफ से आकर्षित हो रहा है। तो ऐसे में यहां हम आयुर्वेदिक दोष और उसके प्रभाव के बारे में बता रहे हैं।
https://spark.live/hindi/read/what-is-ayurvedic-doshas-and-their-effects/
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मानव शरीर के ये तीन दोष बताते है भूत, भविष्य और वर्तमान |
आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में तीन दोष पाए जाते हैं, जिन्हें वात, पित्त और कफ कहा जाता है। यही उसका भूत, भविष्य और वर्तमान तय करते हैं। इसमें से कोई एक दोष भी असामान्य होता है, तो मानव शरीर बीमार पड़ जाता है।
https://www.bhaskar.com/news/c-58-3143568-bp0851-NOR.html
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त्रिदोष - आयुर्वेद का व्यापक क्षेत्र
परिचय एवं लक्षणत्रिदोष अर्थात तीन दोष यानि वात, पित्त, कफ़ इसी को महर्षि वाग्भट्ट ने कहा है किवायुः पित्तं कफश्चेति त्रयो दोषाः समासतः । - (अ.स.सू.प्र.अ.)क्योंकि ये शरीर को दूषित करते हैं इसलिए इन्हें दोष कहा जाता है ।।
http://literature.awgp.org/book/aayurved_ka_vyapak_kshetra/v1.7
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आयुर्वेद अपनाइए, वात, पित्त और कफ के दोष को दूर भगाइए I
आपको अपने दोषों के अनुसार आयुर्वेदिक डाइट लेनी चाहिए जो शरीर में मौजूद कई तरह की बीमारियों का दूर करते हैं।
https://hindi.boldsky.com/health/wellness/2018/ayurvedic-diet-based-on-your-dosha-helpful-016970.html
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स दोष को संतुलित करने के लिए बदलें अपना डाइट प्लान
मौसम, आहार और दिन के समय में बदलाव हमारे शरीर में भी परिवर्तन ला सकते हैं। हमारा शरीर हर परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होता है और हमारी प्रकृति के हिसाब से व्यवहार करता है। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर पांच तत्वों और तीन दोषों से बना है।
https://helloswasthya.com/swastha-jeevan/aahar-aur-poshan/vaat-diet-plan/#gref
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आयुर्वेद में क्या है पित्त दोष, प्राकृतिक तरीकों से कैसे करें इसे संतुलित I
आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के शरीर में तीन प्रकार के दोष पाये जाते है वात, पित्त और कफ जिनके आधार पर व्यक्ति की प्राकृति को निर्धारित किया जाता है। पित्त का अर्थ होता है गर्मी एवं पित्त अग्नि और जल दोनों का तत्व होता है। पित्त गर्म, तैलीय, तरल और बहता हुआ होता है।
https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/samacharnama-epaper-samacnam/aayurved+me+kya+hai+pitt+dosh+prakritik+tariko+se+kaise+kare+ise+santulit-newsid-n175364390
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सात धातुएं और उनके बढ़ने या घटने से होने वाले रोग
हमारे शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में धातुओं का महत्वपूर्ण स्थान है। ये शरीर का पोषण और निर्माण करते हैं साथ ही शरीर की संरचना में सहायक होते हैं। इसलिए इन्हें “धातु” कहा जाता है। आयुर्वेद में सात प्रकार की धातुओं के बारे में बताया गया है I
https://www.1mg.com/hi/patanjali/asr-saat-dhatu-aur-unke-badhne-ya-ghatne-se-hone-wale-rog/
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पंचकर्म- विषैले तत्व हटाने का एक सटीक आयुर्वेदिक तरीका
पंचकर्म शरीर और मन के अनोखे उपचार का अनुभव है, यह शरीर को शुद्ध करता है, शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और संतुलन लाता है।
https://www.jiva.com/blog/panchakarma-the-perfect-ayurvedic-detox-hindi
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आयुर्वेद की अमृता यानी गिलोय, जानिए विशेष लाभ
गिलोय या गुडुची, जिसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, का आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके खास गुणों के कारण इसे अमृत के समान समझा जाता है और इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है।
https://hindi.webdunia.com/health-care/giloye-115030200027_1.html
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वात पित्त और कफ में क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए ? - YouTube
वात पित्त और कफ में क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए ? - YouTube
https://www.youtube.com/watch?v=NkTtKOWUFZg
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वात, पित्त और कफ को जड़ से खत्म करने के 10 जबरदस्त उपाय |
वात, पित्त और कफ को जड़ से खत्म करने के 10 जबरदस्त उपाय |
https://www.youtube.com/watch?v=Ye3X8vt9090
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आयुर्वेद का मूलाधार
आयुर्वेद में ‘त्रिदोष सिद्धान्त’ की विस्तृत व्याख्या है; वात, पित्त, कफ-दोषों के शरीर में बढ़ जाने या प्रकुपित होने पर उनको शांत करने के उपायों का विशद् वर्णन हैं I
https://hindi.speakingtree.in/blog/--1-502724
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पित्त दोष को संतुलित करने के प्राकृतिक तरीके I
हमारे शरीर में त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ होते हैं जिनके आधार पर व्यक्ति की प्रकृति को निर्धारित किया जाता है। व्यक्ति की प्रकृति को आयुर्वेद एवं अनेक चिकित्सा पद्धतियों में विशेष महत्व दिया गया है।
https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/health/how-to-balance-pitta-dosha-naturally-in-hindi/articleshow/74861483.cms