आयुर्वेद में तीन दोष

दोष मानव शरीर और मन में पाए जाने वाले जैविक ऊर्जा हैं। वे सभी शारीरिक और मानसिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं और प्रत्येक जीवित व्यक्ति को स्वास्थ्य और पूर्ति के लिए एक व्यक्तिगत खाका प्रदान करते हैं।