भारत में पेय / शरबत आमतौर पर मौसम के अनुसार बनाए जाते हैं. जहाँ गर्मी के मौसम में ठंडक पहुचानें वाले पेय, जैसे कि नीबू शिकंजी, ख़स, मट्ठा, लस्सी, छाछ, पना आदि बनाए जाते हैं, वहीं जाड़े में गरम कड़ाही का दूध, चाय, कॉफी आदि बनाए जाते हैं.
मौसम बदलते ही दिनचर्या और खान-पान में भी बदलाव देखने को मिलता है। जिस तरह गर्मियों के मौसम में ठंडी चीज हमारे शरीर को फायदा देती है, उसी तरह सर्दियों के मौसम में गर्म पेय पदार्थ भी हमारे शरीर के लिए जरूरत बन जाती है। सर्दियों का मौसम त्वचा के लिए बहुत ही चुनोतीपूर्ण होता है।
भारत में पेय / शरबत आमतौर पर मौसम के अनुसार बनाए जाते हैं. जहाँ गर्मी के मौसम में ठंडक पहुचानें वाले पेय, जैसे कि नीबू शिकंजी, ख़स, मट्ठा, लस्सी, छाछ, पना आदि बनाए जाते हैं, वहीं जाड़े में गरम कड़ाही का दूध, चाय, कॉफी आदि बनाए जाते हैं.
मौसम बदलते ही दिनचर्या और खान-पान में भी बदलाव देखने को मिलता है। जिस तरह गर्मियों के मौसम में ठंडी चीज हमारे शरीर को फायदा देती है, उसी तरह सर्दियों के मौसम में गर्म पेय पदार्थ भी हमारे शरीर के लिए जरूरत बन जाती है। सर्दियों का मौसम त्वचा के लिए बहुत ही चुनोतीपूर्ण होता है।