रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना क
हिंदी में लिखे गए अनेक नाटकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ नाटकों के बारे में बता रहे हैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक और नाटककार देवेंद्र राज अंकुर.
पुलिस इंस्पेक्टर बिनय राम एवं जमुआ थाना प्रभारी संतोष कुमार की मौजूदगी में रविवार को जमुआ चौक पर कोरोना महामारी में के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक का आय
रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना क
हिंदी में लिखे गए अनेक नाटकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ नाटकों के बारे में बता रहे हैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक और नाटककार देवेंद्र राज अंकुर.
पुलिस इंस्पेक्टर बिनय राम एवं जमुआ थाना प्रभारी संतोष कुमार की मौजूदगी में रविवार को जमुआ चौक पर कोरोना महामारी में के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक का आय