कुँवर नारायण द्वारा लिखित और गीत चतुर्वेदी द्वारा सम्पादित किताब| कुँवर नारायण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कवि हैं| वह विश्व सिनेमा के गहरे जानकारों में हैं| उन्होंने आधी सदी तक सिनेमा पर गंभीर, विवेचनापूर्ण लेखन किया है, व्याख्यान दिए हैं|
हिंदी फिल्में अब इतनी लोकप्रिय हो गई हैं और जीवन का अहम हिस्सा बन गई हैं कि पत्रपत्रिकाओं में इन्हें खूब जगह मिलती है। दरअसल कृषिप्रधान भारत जाने कैसे फिल्ममय भारत हो गया है।
हम आपके हैं कौन मैंने प्यार किया आशिकी और दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे.. यह सभी फिल्में उस दौर की सुपरहिट फिल्में हैं जब सिंगल स्क्रीन सिनेमा का दौर था।
कुँवर नारायण द्वारा लिखित और गीत चतुर्वेदी द्वारा सम्पादित किताब| कुँवर नारायण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कवि हैं| वह विश्व सिनेमा के गहरे जानकारों में हैं| उन्होंने आधी सदी तक सिनेमा पर गंभीर, विवेचनापूर्ण लेखन किया है, व्याख्यान दिए हैं|
हिंदी फिल्में अब इतनी लोकप्रिय हो गई हैं और जीवन का अहम हिस्सा बन गई हैं कि पत्रपत्रिकाओं में इन्हें खूब जगह मिलती है। दरअसल कृषिप्रधान भारत जाने कैसे फिल्ममय भारत हो गया है।
हम आपके हैं कौन मैंने प्यार किया आशिकी और दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे.. यह सभी फिल्में उस दौर की सुपरहिट फिल्में हैं जब सिंगल स्क्रीन सिनेमा का दौर था।