चलित संस्कृति (अंग्रेज़ी: popular culture या pop culture) वह विचार, दृष्टिकोण, रुझान, चित्र, कठबोली और अन्य पहलू होते हैं जो किसी संस्कृति की मुख्यधारा में पाए जाए। इस पर टेलीविज़न
पॉप म्यूज़िक या पॉप संगीत (यह शब्द मूलतः 'पॉप्यूलर' यानी "लोकप्रिय" शब्द से निकला है) को आमतौर पर युवाओं के बाजार के अनुकूल और व्यावसायिक तौर पर रिकॉर्ड किये गए संगीत के रूप में समझा जाता है; इसमें अपेक्षाकृत छोटे और साधारण गाने शामिल होते हैं और नवीन तकनीक का इस्तेमाल कर मौजूदा
भोजपुरी संगीत ने बड़ी मजबूती से शहरी पॉप कल्चर में अपने पैर जमा लिए हैं. यू-ट्यूब पर तो मानो इसका कब्जा सा हो चला है. किसी भी गाने को खोलकर देख लीजिए। आपको उसकी लोकप्रियता का अंदाजा हो जाएगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर भिखारी ठाकुर, महेंद्र मिसिर, भरत शर्मा और शारदा सिन्हा जी की भोजपुरी इतनी कैसे बदल गई.
चलित संस्कृति (अंग्रेज़ी: popular culture या pop culture) वह विचार, दृष्टिकोण, रुझान, चित्र, कठबोली और अन्य पहलू होते हैं जो किसी संस्कृति की मुख्यधारा में पाए जाए। इस पर टेलीविज़न
पॉप म्यूज़िक या पॉप संगीत (यह शब्द मूलतः 'पॉप्यूलर' यानी "लोकप्रिय" शब्द से निकला है) को आमतौर पर युवाओं के बाजार के अनुकूल और व्यावसायिक तौर पर रिकॉर्ड किये गए संगीत के रूप में समझा जाता है; इसमें अपेक्षाकृत छोटे और साधारण गाने शामिल होते हैं और नवीन तकनीक का इस्तेमाल कर मौजूदा
भोजपुरी संगीत ने बड़ी मजबूती से शहरी पॉप कल्चर में अपने पैर जमा लिए हैं. यू-ट्यूब पर तो मानो इसका कब्जा सा हो चला है. किसी भी गाने को खोलकर देख लीजिए। आपको उसकी लोकप्रियता का अंदाजा हो जाएगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर भिखारी ठाकुर, महेंद्र मिसिर, भरत शर्मा और शारदा सिन्हा जी की भोजपुरी इतनी कैसे बदल गई.