पुस्तकें विद्यार्थी की सच्ची साथी व अच्छी मार्गदर्शक होती है। अधिकतम ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़कर उन्हें जीवन मे उतारने का प्रयत्न करें। इससे सर्वागीण विकास के द्वार खुलेंगे।
नजदीकी कुछ सालों से स्वयं सहायता या खुद लिखी ई-पुस्तकें काफी लोकप्रिय हो रही है। इसके शीर्षक योग, ध्यान और रिश्तों के प्रबंधन से लेकर बहुत से होते है। इनकी लोकप्रियता का कारण शहरी जीवन की व्यस्त जीवनचर्या से लेकर अनेकों हो सकते है।
पुस्तकें विद्यार्थी की सच्ची साथी व अच्छी मार्गदर्शक होती है। अधिकतम ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़कर उन्हें जीवन मे उतारने का प्रयत्न करें। इससे सर्वागीण विकास के द्वार खुलेंगे।
नजदीकी कुछ सालों से स्वयं सहायता या खुद लिखी ई-पुस्तकें काफी लोकप्रिय हो रही है। इसके शीर्षक योग, ध्यान और रिश्तों के प्रबंधन से लेकर बहुत से होते है। इनकी लोकप्रियता का कारण शहरी जीवन की व्यस्त जीवनचर्या से लेकर अनेकों हो सकते है।