जैवप्रौद्योगिकी या जैवतकनीकी तकनीकी का वो विषय है जो अभियान्त्रिकी और तकनीकी के डाटा और तरीकों को जीवों और जीवन तन्त्रों से सम्बन्धित अध्ययन और समस्या के समाधान के लिये उपयोग करता है। इसे रासायनिक अभियान्त्रिकी, रसायन शास्त्र या जीव विज्ञान में संबंधित माना जाता है।
बायोटेक्नोलॉजी करियर विकल्प: क्या है, कोर्स की जानकारी, कोर्स फीस, वेतन, शैक्षणिक संस्थान, आवश्यक योग्यता, प्रवेश परीक्षा, बायोटेक्नोलॉजी के बाद क्या करे और भी बहुत सी जानकारी हिंदी में
नैनीताल से 11 किमी दूर हल्द्वानी मार्ग से सटे पटवाडांगर में पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि कुमाऊं विवि को हस्तांतरित करने संबंधी फाइल शासन स्तर पर सरपट दौड रही है।
पहला ‘बायो’ अर्थात् बायोलॉजी और दूसरा ‘टेक्नोलॉजी’ अर्थात् नवीन तकनीकों का उपयोग अर्थात् बायोटेक्नोलॉजी ऐसी तकनीक जो जैविकता को इस्तेमाल करते हुए नए उत्पाद बनाए, जो कि असली उत्पाद से बेहतर हों।
जैवप्रौद्योगिकी या जैवतकनीकी तकनीकी का वो विषय है जो अभियान्त्रिकी और तकनीकी के डाटा और तरीकों को जीवों और जीवन तन्त्रों से सम्बन्धित अध्ययन और समस्या के समाधान के लिये उपयोग करता है। इसे रासायनिक अभियान्त्रिकी, रसायन शास्त्र या जीव विज्ञान में संबंधित माना जाता है।
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नैनीताल से 11 किमी दूर हल्द्वानी मार्ग से सटे पटवाडांगर में पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि कुमाऊं विवि को हस्तांतरित करने संबंधी फाइल शासन स्तर पर सरपट दौड रही है।
पहला ‘बायो’ अर्थात् बायोलॉजी और दूसरा ‘टेक्नोलॉजी’ अर्थात् नवीन तकनीकों का उपयोग अर्थात् बायोटेक्नोलॉजी ऐसी तकनीक जो जैविकता को इस्तेमाल करते हुए नए उत्पाद बनाए, जो कि असली उत्पाद से बेहतर हों।