भारत में जातीयता, भूगोल, जलवायु और क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्त्र धारण किये जाते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, पुरुष और महिला कपड़े सरल लंगोट से विकसित किया गया है I
वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। यह औद्योगिक उत्पादन में 14% और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 4% का योगदान करता है। यह देश में रोजगार सृजन का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
बुनकरों के निर्मित वस्त्रों की मांग राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में होने के बाद भी विपणन के माकूल प्रबंध नहीं होने के कारण बुनकरों की आर्थिक कमर टूट रही है। इस अवसर का लाभ बिचौलिए उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के हाथकरघा वस्त्रों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग पहचान बनी है। नई सरकार के गठन के बाद प्रदेश के हाथकरघा वस्त्रों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय बनाने तथा बुनकरों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सितंबर 2019
परंपरागत रूप से भारत में कपड़ा उद्योग, कृषि के बाद, एकमात्र उद्योग है जिसने वस्त्र उद्योग में कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रम के लिए भारी रोजगार उत्पन्न किया है। कपड़ा उद्योग भारत में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र है।
उदारीकरण के बाद के वस्त्रों के उत्पादन और बाजार आधार में व्यापक बदलाव आया है। क्षेत्रीय विनियमों के उन्मूलन के साथ, वस्त्रों के उत्पादन और मांग पैटर्न में विविधता का अनुभव हुआ है। इसी प्रकार वस्त्र और परिधान के व्यापार और निर्यात पैटर्न में भी यह स्थिति पायी गई है।
भारत में जातीयता, भूगोल, जलवायु और क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्त्र धारण किये जाते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, पुरुष और महिला कपड़े सरल लंगोट से विकसित किया गया है I
वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। यह औद्योगिक उत्पादन में 14% और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 4% का योगदान करता है। यह देश में रोजगार सृजन का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
बुनकरों के निर्मित वस्त्रों की मांग राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में होने के बाद भी विपणन के माकूल प्रबंध नहीं होने के कारण बुनकरों की आर्थिक कमर टूट रही है। इस अवसर का लाभ बिचौलिए उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के हाथकरघा वस्त्रों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग पहचान बनी है। नई सरकार के गठन के बाद प्रदेश के हाथकरघा वस्त्रों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय बनाने तथा बुनकरों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सितंबर 2019
परंपरागत रूप से भारत में कपड़ा उद्योग, कृषि के बाद, एकमात्र उद्योग है जिसने वस्त्र उद्योग में कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रम के लिए भारी रोजगार उत्पन्न किया है। कपड़ा उद्योग भारत में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र है।
उदारीकरण के बाद के वस्त्रों के उत्पादन और बाजार आधार में व्यापक बदलाव आया है। क्षेत्रीय विनियमों के उन्मूलन के साथ, वस्त्रों के उत्पादन और मांग पैटर्न में विविधता का अनुभव हुआ है। इसी प्रकार वस्त्र और परिधान के व्यापार और निर्यात पैटर्न में भी यह स्थिति पायी गई है।