फील्ड में कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों को निदान सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु पशु रोग निदान प्रयोगशाला (एडीडीएल) की स्थपाना की गई। इस प्रयोगशाला का उद्देश्य शोध कार्य करना तथा पशु चिकित्सकों को रोग निदान में प्रशिक्षण देना भी है।
राष्ट्रीय स्तर पर पशुपालन को बढावा देने के लिए निर्धारित राज्यों में पशू सेवा केंद्र की स्थापना विक्रय केंद्र के रूप में की जाएगी , जहाँ निगम द्वारा प्रशिक्षित एवं भारत सरकार से प्रमाणपत्र धारी पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता (AHW) को ग्राम पंचायत स्तर पर पशु सेवा एवं कृत्रिम गर्भाधा
पशु स्वास्थ्य देखभाल पशुपालन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। पशु के स्वास्थ्य पर अपर्याप्त ध्यान कम उत्पादकता, स्थायी विकलांगता और जानवर के जीवन की हानि के रूप में पशुपालन करने वाले परिवारों के लिए भारी नुकसान का कारण हो सकता है।
विश्व भर में भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिऐ प्रसिद्ध है।यहाँ पत्थरों को भी पूजा जाता है। पशुओं की तो बात ही निराली है।भरतीय परिवरों में पशुओं को पालना बहुत ही सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है।
फील्ड में कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों को निदान सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु पशु रोग निदान प्रयोगशाला (एडीडीएल) की स्थपाना की गई। इस प्रयोगशाला का उद्देश्य शोध कार्य करना तथा पशु चिकित्सकों को रोग निदान में प्रशिक्षण देना भी है।
राष्ट्रीय स्तर पर पशुपालन को बढावा देने के लिए निर्धारित राज्यों में पशू सेवा केंद्र की स्थापना विक्रय केंद्र के रूप में की जाएगी , जहाँ निगम द्वारा प्रशिक्षित एवं भारत सरकार से प्रमाणपत्र धारी पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता (AHW) को ग्राम पंचायत स्तर पर पशु सेवा एवं कृत्रिम गर्भाधा
पशु स्वास्थ्य देखभाल पशुपालन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। पशु के स्वास्थ्य पर अपर्याप्त ध्यान कम उत्पादकता, स्थायी विकलांगता और जानवर के जीवन की हानि के रूप में पशुपालन करने वाले परिवारों के लिए भारी नुकसान का कारण हो सकता है।
विश्व भर में भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिऐ प्रसिद्ध है।यहाँ पत्थरों को भी पूजा जाता है। पशुओं की तो बात ही निराली है।भरतीय परिवरों में पशुओं को पालना बहुत ही सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है।