ऋण तथा उधार

खेतीके लिये लिया गया ऋण या उधार, वह धनराशि है जो खेती के लिये आवश्यक सामग्री (श्रमिकों सहित), मशीनें आदि लेने के लिये इस्तेमाल की जाती है। यह 20 या 30 साल की लम्बी अवधि के लिये गिरवी रखने जैसा नहीं है।